विदेश मंत्री ने कहा कि दबाव तो होना ही चाहिए। अफ्रीका में 54 देश हैं लेकिन उनका एक भी सदस्य नहीं है। लैटिन अमेरिका का भी एक सदस्य नहीं है। यूएन में कोई देश नहीं है, जो विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का प्रतिनिधित्व करती हो।
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